गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक बार फिर रहस्यमयी घटना ने स्थानीय लोगों को सनसनी में डाल दिया है। रेवतीपुर क्षेत्र के ताड़ीघाट-गाजीपुर रेल लाइन पर मेदनीपुर गांव के पास रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात युवक का शव बरामद हुआ। शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को हुई इस घटना में पुलिस को शुरुआती जांच में ट्रेन से गिरने का अंदेशा हो रहा है, लेकिन युवक के पास से कोई यात्रा टिकट या पहचान पत्र न मिलने से मामला और उलझ गया है। सुहवल थाने की पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखकर पहचान के प्रयास तेज कर दिए हैं।
घटना का पूरा विवरण
घटना सुबह के समय की बताई जा रही है, जब ताड़ीघाट से गाजीपुर की ओर जाने वाली पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी डिवीजन की नई रेल लाइन पर 17 नंबर पुलिया के पास पोल संख्या 19/10 और 19/9 के बीच युवक का शव पड़ा मिला। स्थानीय ग्रामीणों ने शव को देखते ही पुलिस को सूचना दी। सुहवल थाने के प्रभारी निरीक्षक राज नारायण सिंह अपनी टीम के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शव को ट्रैक से हटवाया और प्रारंभिक जांच शुरू की।
युवक काले रंग की शर्ट और पैंट पहने हुए था। उसके सिर पर गहरी चोट के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों पर भी कई जगह खरोंच और चोट के निशान थे, जो ट्रेन की रफ्तार से टकराने के संकेत देते हैं। उसके जेब से केवल एक डिब्बी माचिस मिली, जबकि कोई भी पहचान पत्र, मोबाइल फोन या टिकट नहीं था। इससे पुलिस को शक है कि युवक बिना टिकट यात्रा कर रहा था और कहीं गिर पड़ा। लेकिन क्या यह दुर्घटना थी या कुछ और? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने तुरंत शव को सुहवल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में 72 घंटे के लिए सुरक्षित रखवा दिया। प्रभारी निरीक्षक राज नारायण ने बताया, “चलती ट्रेन से गिरने का प्रबल अंदेशा है। हमने युवक की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है और आसपास के थाना क्षेत्रों, गांवों में सूचना भेजी है। स्थानीय लोगों से भी संपर्क कर रहे हैं। अगर कोई परिजन आता है, तो पहचान हो जाएगी।” पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार भी कर रही है, जो मौत के सटीक कारण बता सकेगी।
यह इलाका रेलवे ट्रैक के किनारे बसा होने से हमेशा से हादसों का शिकार रहा है। पिछले कुछ महीनों में यहां कई ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जहां बिना टिकट यात्रा करने वाले लोग गिरकर घायल या मृत हो जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण और जागरूकता की कमी से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ट्रेनें तेज चलती हैं, और लोग जोखिम भरी यात्रा करते हैं। सरकार को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।”
संभावित कारण और इलाके की समस्या
जांच में सामने आया है कि युवक की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है। उसके कपड़ों से लगता है कि वह मजदूर वर्ग से जुड़ा हो सकता है। गाजीपुर जिला पूर्वांचल का एक पिछड़ा इलाका है, जहां रोजगार की तलाश में लोग अक्सर बिना टिकट ट्रेनों में सवार हो जाते हैं। रेवतीपुर और मेदनीपुर जैसे गांवों में गरीबी और बेरोजगारी आम समस्या है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं आर्थिक असमानता का नतीजा हैं।
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी चेक करने शुरू कर दिए हैं, हालांकि रेलवे ट्रैक पर कैमरे कम हैं। अगर पहचान नहीं हुई, तो शव को सामुदायिक अंतिम संस्कार के लिए भेजा जा सकता है। यह घटना न सिर्फ परिवारों के लिए दुखद है, बल्कि पूरे इलाके में सतर्कता की जरूरत बता रही है।
आगे की अपडेट
फिलहाल पुलिस की जांच जारी है। अगर कोई नया सुराग मिला, तो मामला हत्या या आत्महत्या का भी रूप ले सकता है। गाजीपुर एसएसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर सख्ती बरती जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने रेलवे अधिकारियों से भी बात की है ताकि ट्रैक पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
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