गाजीपुर: बहरियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में दो साल पहले हुई एक दिल दहला देने वाली घटना में अदालत ने आरोपी को कड़ी सजा सुनाई है। चाकू की नोक पर नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म करने वाले जयहिंद राम को विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की कठोर कारावास की सजा दी है। साथ ही 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से आधी राशि पीड़िता को इलाज और दवा के लिए देने का आदेश हुआ। यह फैसला महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम कसने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
घटना 4 जून 2023 की शाम करीब सात बजे की है। बहरियाबाद के एक गांव की नाबालिग किशोरी बाजार से कपड़ा खरीदकर घर लौट रही थी। रास्ते में आरोपी जयहिंद राम ने उसे खींचकर एक सुनसान जगह ले गया। चाकू के बल पर उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया और मौके से फरार हो गया। खून से लथपथ किशोरी किसी तरह घर पहुंची और परिजनों को सारी वारदात बता दी। परिवार वाले सदमे में थे, लेकिन उन्होंने फौरन उसे नजदीकी अस्पताल ले जाकर इलाज शुरू कराया। डॉक्टरों ने गंभीर चोटें बताईं, जिसके बाद पिता ने थाने में तहरीर दी।
पुलिस ने फौरन कार्रवाई की, चार्जशीट दाखिल कर जांच पूरी
पुलिस ने तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज किया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। जयहिंद राम उसी इलाके का रहने वाला था, जिसकी वजह से उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया गया। बहरियाबाद थाने की टीम ने साक्ष्य इकट्ठा किए और 7 जुलाई 2023 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। विशेष पॉक्सो जज प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने 31 जुलाई 2023 को आरोपी पर आरोप तय किए। अभियोजन पक्ष ने विशेष लोक अभियोजक के जरिए छह गवाहों को पेश किया, जिनमें पीड़िता, उसके परिजन और मेडिकल रिपोर्ट शामिल थे।
मुकदमे की सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। बुधवार को फैसला आया, जिसमें कोर्ट ने जयहिंद को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी ठहराया। जज ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए सजा जरूरी है, ताकि समाज में संदेश जाए। दोषी को तुरंत जेल भेज दिया गया। पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने से थोड़ी राहत मिली है। पिता ने बताया कि बेटी का इलाज अभी चल रहा है, और कोर्ट का यह फैसला उनके लिए न्याय की जीत है।
इलाके में सतर्कता बढ़ी, महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
यह घटना गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ रही है। बहरियाबाद जैसे क्षेत्रों में रात के समय अकेले घूमना खतरे से खाली नहीं। स्थानीय लोग कहते हैं कि पुलिस गश्त बढ़ाने की जरूरत है। जिला प्रशासन ने भी निर्देश दिए हैं कि पॉक्सो मामलों में तेजी से कार्रवाई हो। यह सजा न सिर्फ आरोपी को सबक देगी, बल्कि अन्य अपराधियों को भी रोकने का काम करेगी। पीड़िता का परिवार अब सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जख्म गहरे हैं।
गाजीपुर कोर्ट का यह फैसला POCSO कानून की सख्ती का उदाहरण है। उम्मीद है कि इससे अपराधों में कमी आएगी।














