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आजम खान से मिले स्वामी प्रसाद मौर्य, ‘इमरजेंसी में भी न हुई इतनी दरिंदगी’, अखिलेश पर कसा तंज

लखनऊ/रामपुर। आजम खान की जेल से रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। बसपा सरकार में मंत्री रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार दोपहर रामपुर में आजम खान के घर पर उनसे मुलाकात की। यह बातचीत बंद कमरे में करीब दो घंटे चली। मुलाकात से पहले मौर्य ने लखनऊ से रामपुर रवाना होते हुए कहा था कि यह महज शिष्टाचार भेंट है, इसमें कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं। आजम एक वरिष्ठ नेता हैं, उनसे मिलना मेरा सौभाग्य है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह भेंट भविष्य की सियासी गठजोड़ का संकेत हो सकती है।

मुलाकात के बाद जब दोनों बाहर निकले, तो मीडिया ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर सवाल दागे। स्वामी प्रसाद कुछ बोलने लगे, लेकिन आजम खान ने उन्हें रोक दिया। आजम ने तीखे लहजे में कहा, “उनका सवाल उन्हीं से करना”। इस बयान ने मौके पर ही हलचल मचा दी।

स्वामी प्रसाद का गुस्सा फूटा

मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खान के साथ हुई कार्रवाई पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजम के साथ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की गई। इतनी दरिंदगी इमरजेंसी में भी नहीं हुई थी, जितनी आजम खान के साथ हुई। यह लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है। मौर्य ने भाजपा सरकार पर तानाशाही, भेदभाव और बदले की भावना का आरोप लगाया। “जो बीज भाजपा बो रही है, वह नई परंपरा डाल रही है। उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि इसकी मार वे खुद भी झेल सकते हैं।”

मौर्य ने आगे कहा कि राजनीति विचारधारा की होती है। वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन बाहर सब एक होते हैं। राजनीति में कोई शत्रु नहीं होता, लेकिन भाजपा दुश्मनी निभा रही है। इससे राजनीति की गरिमा गिरी है। “इतनी लंबी राजनीति करने वाले आजम खान के साथ जो कृत्य किया गया, वह दुखद, निंदनीय और घृणित है। भाजपा को अपनी घटिया हरकतों से बाज आना चाहिए।”

बरेली घटना को बताया साजिश, मुसलमानों पर अत्याचार का आरोप

स्वामी प्रसाद ने बरेली की ताजा घटना पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने इसे सोची-समझी साजिश बताया, जिससे भाजपा हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को जिंदा रखना चाहती है। मौर्य ने कहा कि भाजपा जाति के आधार पर दलित-पिछड़ों पर अत्याचार कर रही है। धर्म के नाम पर हिंदू-मुस्लिम विवाद भड़का रही है। मुसलमानों पर तरह-तरह के आरोप लगाकर जेल भेज रही, मदरसे बंद करवा रही, मस्जिद-मजार तुड़वा रही। संविधान सबको बराबर का दर्जा देता है, लेकिन भाजपा भाईचारे को तार-तार कर रही है।

मौर्य ने यूपी की कानून-व्यवस्था पर भी चुटकी ली। सीएम जीरो टॉलरेंस की बात तो दोहराते रहते हैं, लेकिन यूपी हत्या, अपहरण, बलात्कार और दलित अपराध में नंबर वन है। देश में 80 करोड़ लोग 5-10 किलो राशन पर टिके हैं। किसान परेशान हैं, समर्थन मूल्य का वादा अधर में लटका है। 27 हजार स्कूल बंद होने की कगार पर थे, जनता पार्टी के विरोध से भाजपा बैकफुट पर आई। 2027 का चुनाव ‘यूपी बचाओ-भाजपा हटाओ’ के नारे से लड़ा जाएगा। मौर्य ने कहा कि लोगों ने भूल से भाजपा को वोट दिया, अब पूरा देश इसका खामियाजा भुगत रहा है।

अखिलेश पर पुराना तंज

स्वामी प्रसाद ने शुक्रवार को अखिलेश-अजम की मुलाकात पर तंज कसा था। जब आजम को राजनीतिक दुर्भावना से जेल भेजा गया, तो सपा ने आवाज नहीं उठाई। सड़क पर उतरना चाहिए था। अब घड़ियाली आंसू बहाने से क्या फायदा? उन्होंने मायावती की रैली को भी ED-CBI के डर से प्रायोजित बताया। बहन जी ने कांशीराम के मिशन को तिरस्कृत किया, भाजपा की चाटुकारिता से बहुजन समाज का भरोसा तोड़ा।

सपा नेता आजम खान 23 सितंबर को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। हाईकोर्ट ने बीयर बार कब्जे केस में जमानत दी, जो आखिरी मामला था। जमानत पर पुलिस ने शत्रु संपत्ति केस में नई धाराएं जोड़ीं, लेकिन 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन्हें खारिज कर दिया।

रिहाई के बाद अखिलेश ने 8 अक्टूबर को पहली मुलाकात की। बंद कमरे में दो घंटे बात हुई। बाहर आकर अखिलेश ने कहा, “आजम साहब पुराने नेता हैं, उनका साया हमेशा रहा। वे पार्टी का दरख्त हैं। भाजपा आजम परिवार पर केसों से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। यह बड़ी लड़ाई है, सब मिलकर लड़ेंगे।” आजम ने खुद अखिलेश को रिसीव किया, दोनों एक कार से घर गए। तीन दिन पहले अखिलेश फिर रामपुर पहुंचे।

रामपुर सांसद का पलटवार

रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी ने आजम पर हमला बोला। “आजम की हरकतें ओछी हैं, डरूंगा नहीं। वे मुझे जयाप्रदा की तरह प्रताड़ित करने का ख्वाब देख रहे। रामपुर की जनता मेरे साथ है।” नदवी ने कहा कि 2024 चुनाव में आजम ने बहिष्कार किया, उनके समर्थकों ने बसपा को वोट दिया।

यह मुलाकात यूपी की सियासत को नई दिशा दे सकती है। आजम की रिहाई से सपा मजबूत हुई, लेकिन मौर्य जैसे नेताओं के बयान गठबंधन की संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं।

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