लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर योगी सरकार ने फिर से कमर कस ली है। मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी जिलाधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने को पूरी तरह रोका जाए। गोयल ने कहा कि पराली और फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा है। सैटेलाइट के जरिए इन घटनाओं की सतत निगरानी हो रही है। जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर नजर रखने और कृषि, प्रदूषण नियंत्रण जैसे विभागों से समन्वय कर ठोस कदम उठाने को कहा गया है।
मुख्य सचिव ने जोर दिया कि संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों—जैसे बेलर मशीन, हैपी सीडर या कम्पोस्टिंग—के बारे में जागरूक किया जाए। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी समय-समय पर भ्रमण कर जायजा लें। अगर किसी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं पाई गईं, तो तुरंत कार्रवाई हो। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में जीरो स्टबल बर्निंग का लक्ष्य रखा है, जिसमें 2025-26 तक कोई घटना न हो। उल्लंघन पर किसानों को पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में भारी जुर्माना लगेगा।
सात साल में 46% कमी आई
पिछले सात सालों में यूपी में पराली जलाने की घटनाएं 46% घटी हैं—2017 में 8,784 से घटकर 2023 में 3,996 रह गईं। सरकार की सख्त नीतियों और प्रोत्साहन योजनाओं का यह नतीजा है। लेकिन 2024-25 में 25% बढ़ोतरी दर्ज हुई, खासकर महराजगंज और अलीगढ़ जैसे जिलों में। 18 जिलों ने लक्ष्य पूरा नहीं किया। मुख्य सचिव ने चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की गई है, ताकि प्रदूषण मुक्त यूपी बने।
डिजिटल क्रॉप सर्वे में 96.73% गांव कवर
दूसरी तरफ, डिजिटल क्रॉप सर्वे अभियान में यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुल 90,153 गांवों में से 87,203 (96.73%) में सर्वे शुरू हो चुका है, जबकि 20,257 गांवों (22.47%) में पूरा हो गया। यह सर्वे खरीफ 2024-25 के लिए चल रहा है, जो 5.81 करोड़ प्लॉट्स को कवर करेगा। मुख्य सचिव ने इसे प्राथमिकता वाला काम बताया, क्योंकि इससे खेत स्तर पर सटीक फसल डेटा मिलेगा। इससे सरकार को बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
मीरजापुर 100% पूरा करने वाला पहला जिला है। उसके बाद एटा (97.72%), लखनऊ (97.57%), बाराबंकी (97.36%), कन्नौज (97.23%), खीरी (96.29%), औरैया (96.17%), बरेली (95.87%), बिजनौर (95.85%), ललितपुर (94.37%)। टॉप 20 में अंबेडकर नगर (93.84%), मुरादाबाद (93.44%), शाहजहांपुर (93.02%), हमीरपुर (92.74%), भदोही (92.64%), बलिया (92.63%), श्रावस्ती (92.53%), जालौन (91.50%), फिरोजाबाद (91.25%), अमरोहा (91.24%) शामिल हैं। जौनपुर, गाजियाबाद और अमरोहा भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे।
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
गोयल ने साफ कहा कि सर्वे में फर्जीवाड़ा या लापरवाही बर्दाश्त नहीं। अगर शिथिलता मिली, तो अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई होगी। डिजिटल सर्वे मोबाइल ऐप, ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी से हो रहा है, जो पुरानी पटवारी सिस्टम को बदल रहा। केंद्र सरकार की डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत 2025-26 खरीफ से पूरे देश में लागू होगा। यूपी में 4.85 करोड़ से ज्यादा फार्मर आईडी बन चुकी हैं, 2027 तक 11 करोड़ का टारगेट।
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